Covid Tales: घर में भूख और बाहर कोरोना का खतरा

अमरीन शेख भोपाल शहर में रहने वाले राहुल की उम्र 25 साल है। वह परिवार के साथ हिनोतिया में ही एक झुग्गी बनाकर रहते हैं। उनके घर परिवार में उनकी … Read More

May Day: मुसीबतों के बोझ तले दबा श्रमिक कैसे मनाता मई दिवस

– एल. एस. हरदेनिया आज मई दिवस (May Day) है. श्रमजीवियों के अधिकारों का दिवस. इस दिन दुनिया के सबसे बड़े पूंजीवादी देश के मजदूरों ने यह महसूस किया था कि … Read More

NCHRO ने दी मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम को हाई कोर्ट में चुनौती

भोपाल। मानवाधिकार संगठन नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइज़ेशन्स (एनसीएचआरओ) की मध्यप्रदेश इकाई ने तथाकथित रूप से ‘लव जिहाद कानून’ के रूप में बहुचर्चित मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020 को … Read More

Politics of System: हम इलाज देंगे नहीं, आपको किसी और से मदद लेने नहीं देंगे

सचिन श्रीवास्तव मौजूदा सत्ता (Politics of System) किस तरह अपनी खुदी में मस्त है, इसका अंदाजा इसी बात से लगता है कि एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट कहती है कि … Read More

खुश रहने की कोशिश करें, एक दिन आएंगे सुनहरे दिन!

खुश रहने की कोशिश करें, एक दिन आएंगे सुनहरे दिन! फरहा 16 साल की कशिश भोपाल में रहती हैं। वो आठवीं कक्षा में पढ़ती थीं, जब पहली बार लॉकडाउन लगा … Read More

कोरोना के खौफ और लॉकडाउन से बढ़ रहा है डिप्रेशन

कोरोना के खौफ और लॉकडाउन से बढ़ रहा है डिप्रेशन निकहत भोपाल में कमला पार्क के औरंगजेब आजम 25 साल के हैं। उनका जन्म बिहार में हुआ था। उनके घर … Read More

लॉकडाउन ने काम बंद किया, लेकिन पेट की भूख नहीं!

लॉकडाउन ने काम बंद किया, लेकिन पेट की भूख नहीं! शोएब खान सरकार की विफलता के नतीजे में लॉकडाउन लगा दिया गया है। लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तौर से … Read More

अंतिम संस्कार के लिए भी लाइन लगा रहे हैं सरकार!

अंतिम संस्कार के लिए भी लाइन लगा रहे हैं सरकार! सायरा खान किसी भी धर्म में अंतिम संस्कार को लेकर लोग बहुत संवेदनशील और उदार रहते हैं। कोशिश यही रहती … Read More

लॉकडाउनः अहम है कि जरूरतमंदों की मदद की जाए

लॉकडाउनः अहम है कि जरूरतमंदों की मदद की जाए शोएब खान हम जिस दुनिया में रहते हैं। वहां तमाम तरह के वायरस हैं। कुछ वायरस हलके हैं और कुछ जानलेवा। … Read More

लॉकडाउन और लड़कियों के दम तोड़ते सपने

लॉकडाउन और लड़कियों के दम तोड़ते सपने अमरीन भोपाल। लड़कियों और महिलाओं को कभी मजहब के नाम पर तो कभी रीति-रिवाज के नाम पर कैद करके रखा गया है। लड़कियों … Read More