Malwa Mahila Kabir Yatra: रवि राठौर से संविधान लाइव की बातचीत
2023 के मार्च की शुरुआत में एकलव्य संस्था के 40 साल और होशंगाबाद विज्ञान शिक्षण कार्यक्रम (होविशिका) के 50 साल पूरे होने के मौके पर पहली मालवा महिला कबीर यात्रा का आयोजन किया गया था। मालवा इलाक़े में कबीर गायकों के साथ एकलव्य का जुड़ाव 1990 के दशक से ही रहा है। ‘कबीर भजन एवं विचार मंच’ (1991-1998), ‘कबीर इन स्कूल्स’ (2008-2009) और इसके बाद 2011 ‘मालवा में कबीर की वाचिक परम्पराओं के सुदृढ़ीकरण’ जैसे प्रयासों के ज़रिए एकलव्य ने कबीर गायन की लोक परम्परा में विस्तार और नवाचार की कोशिशें लगातार की हैं। इसके बाद सृष्टि स्कूल ऑफ डिज़ाइन की कबीर परियोजना से जुड़कर एकलव्य ने कबीर गायन में महिला कलाकारों की भागीदारी को बढ़ाने के प्रयास किए। इसमें स्कूलों में कबीर के साहित्य के माध्यम से जाति व जेंडर पर आलोचनात्मक नज़रिए की बुनियाद रखने की कोशिशें भी शामिल रहीं। इसी क्रम में एक ज़रूरी नवाचार करते हुए महिला कबीर गायकों की यात्रा का आयोजन किया गया।
इस साल 1 से 4 फरवरी के बीच दूसरी मालवा महिला कबीर यात्रा − धरती की बानी−हेलियों की ज़ुबानी − का आयोजन किया गया। 1 फरवरी 2024 को देवास से निकली इस यात्रा ने सोनकच्छ और सीहोर में पड़ाव लिया और फिर 4 फरवरी को भोपाल के गांधी भवन पहुंची। कबीर भजन एवं विचार मंच की ओर से आयोजित की मालवा महिला कबीर यात्रा में 80 से अधिक गायक, संस्कृतिकर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विभिन्न क्षेत्रों में कलात्मक कार्य कर रहे युवाओं ने शिरकत की। इस दौरान हर पड़ाव पर ग्रामीण समुदाय और कला प्रेमियों ने जोर शोर से यात्रा का स्वागत किया, यात्रा में साथी बने और सभी कबीर, मीरा, रैदास, बुल्ले की अल्फाजों के साथ एकाकार हुए।
संविधान लाइव ने इस पूरी यात्रा की शुरुआत, ऐसी यात्राओं के हासिल और आगे के विकल्पों समेत कई अन्य मसलों पर साथी रवि राठौर से बातचीत की। रवि इस यात्रा के संयोजन में करीब से जुड़े रहे हैं और वे कबीर गायिकी की परंपरा को आगे बढ़ाने वाले बेहद संजीदा गायक भी हैं।
पूरी बातचीत को यहां सुना जा सकता है