Cultural Movement

Cultural Movement: प्रतिरोध की जरूरत, चुनौतियां और संभावनाएं

Video on Cultural Movement: राजेश जोशी, राजेंद्र शर्मा, रामप्रकाश त्रिपाठी, नवल शुक्ल और ईश्वर सिंह दोस्त से सत्यम पांडे की बातचीत 

हमारे समय के महत्वपूर्ण कवि राजेश जोशी, कवि और संपादक राजेंद्र शर्मा, राजनीतिक-सांस्कृतिक कार्यकर्ता और लेखक रामप्रकाश त्रिपाठी, वरिष्ठ कवि और संपादक नवल शुक्ल और आलोचक, लेखक व संस्कृतिकर्मी ईश्वर सिंह दोस्त से युवा कवि और सामाजिक कार्यकर्ता सत्यम पांडे की यह बातचीत नवंबर 2020 के आखिरी सप्ताह में रिकाॅर्ड की गई।

इस लंबी बातचीत में पिछले 40 से 50 सालों के सांस्कृतिक परिदृश्य पर गहरी चर्चा हुई। बातचीत में शामिल लेखकों, संस्कृतिकर्मियों ने अपने समय पर गहरा असर डाला है। उन्होंने अपने युवा दिनों के सांस्कृतिक परिदृश्य पर तो खुलकर चर्चा की ही है, साथ ही मौजूदा राजनीति और संस्कृतिकर्म के अंतर्संबंधों पर भी कुछ जरूरी टिप्पणियां की हैं।

राजेश जोशी जब अपने समय को याद करते हुए अपने आसपास के साथियों को याद करते है, तो उसे सुनना अपने आप में अलहदा अनुभव है।
इसी तरह राजेंद्र शर्मा अपनी समय की सिलवटों को टटोलते हुए सांस्कृतिक कार्यकर्ता, राजनीतिक परिदृश्य पर जिस बेबाकी से टिप्पणी करते हैं, वह हमारे समय का जरूरी दस्तावेज बन जाता है।
तो राम प्रकाश त्रिपाठी राजनीतिक आंदोलनों की पृष्ठभूमि में उलझे छात्र, युवा आंदोलनों को याद करते हुए कुछ जरूरी प्रसंगों की याद साझा करते हैं।
वहीं, नवल शुक्ल इस बातचीत में अपनी यादों को साझा करते हुए भविष्य की योजनाओं के लिए कुछ ठोस और सार्थक सुझाव देते हुए खामियों और खूबियों पर टिप्पणी करते हैं।
और ईश्वर सिंह दोस्त उस वैचारिक आधार को टटोलते हैं, जहां से प्रगतिशील धारा सिमटती जाती है और बांटने की राजनीति को कैसे जमीन मुहैया होती है।
पूरी बातचीत के सूत्रों को पकड़ते हुए इसे एक निश्चित दिशा में आगे बढ़ाते हुए सत्यम पांडे बीच बीच में महत्वपूर्ण टिप्पणियों के जरिये चर्चा को सहज बनाए रखते हैं।
इस बातचीत को रिकाॅर्ड किया संविधान लाइव की युवा साथी निगहत और फरहा ने और उनके साथ पूरे समय कैमरे पर नजर रखी साथी सीमा कुरूप ने।

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बातचीत लंबी है, लेकिन इसे सुनना अपने समय में हस्तक्षेप के लिए एक जरूरी विमर्श में उतरना है। हमें उम्मीद है कि अगले डेढ़ घंटे इस बातचीत के जरिये जब आप बीते 40-50 साल के सांस्कृतिक परिदृश्य से गुजरेंगे तो कुछ ऐसे सवालों से भी रूबरू होंगे जो हम सबके जेहन में हैं, और उनके जवाब हमें ही खोजने हैं।

बातचीत के बारे में अपनी राय नीचे कमेंट बाॅक्स में भेज सकते हैं।

संविधान लाइव टीम