ऑक्सीजन नहीं सिलेंडर की है कमी

ऑक्सीजन नहीं सिलेंडर की है कमी

सायरा खान

कोरोना का संक्रमण चारों तरफ तेजी से फैल रहा है। इसकी वजह से हालात हर दिन बिगड़ रहे हैं। मरीजों को अस्पताल में बेड, दवाइयां और ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं है। लोग मरीजों को लेकर बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए दर-दर भटक रहे हैं। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि चारों तरफ ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत हो रही है। यह हालात हमें बताते हैं कि कोरोना की पहली लहर गुजरने के बाद प्रशासन ने स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारी बिल्कुल भी नहीं की, वरना हालात इस कदर बदतर नहीं होते। बस्ती में एक व्यक्ति ने बताया कि ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। ऑक्सीजन कहीं पर नहीं मिल रही है। न ही इसमें शासन हमारी कोई मदद कर रहा है।

क्या है कोरोना
कोरोना महामारी एक वायरस के द्वारा होती है। संक्रमण होने के बाद मरीज को बुखार, सूखी खांसी, थकान, खुजली, दर्द, गले में खराश, शरीर पर चकत्ते इत्यादि की शिकायत होती है। जब गंभीर लक्षण पैदा होने लगते हैं तो बोलने, चलने-फिरने में असमर्थ, सीना दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।

यह भी पढ़ें:  2020 Timeline: साल 2020— कोरोना, आंदोलन और अन्य घटनाएं एक नजर में

आइए जानते हैं ऑक्सीजन के स्तर के बारे में
सामान्यतः ऑक्सीजन ऑक्सीमीटर द्वारा जांच करने पर ऑक्सीजन की स्तर की कितनी आवश्यकता होती है मरीज को यह पता चलता है। शरीर में 94 से 100 तक ऑक्सीजन का स्तर अच्छा माना जाता है। 90 से 93 ऑक्सीजन का स्तर थोड़ा कम होता है। 80 से 89 तक ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम माना जाता है, जो चिंताजनक होता है।

कोरोना संक्रमण के कारण फेफड़ों में ऑक्सीजन को अवशोषित करने वाली थैली जल तथा कफ से भर जाती है। इसके कारण संक्रमण बढ़ जाता है और मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है, क्योंकि ऑक्सीजन की पहुंच फेफड़ों तक कम हो जाती है। इससे मरीज की हालत बिगड़ने लगती है। वह सांस ठीक से नहीं ले पाता है। ऐसी हालत में ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ती है।

जानते हैं ऑक्सीजन सिलेंडर के बारे में
अस्पताल में आमतौर पर सात क्यूबिक मीटर क्षमता वाले ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल होता है। इसकी ऊंचाई करीब चार फुट छह इंच होती है। इसकी क्षमता सिर्फ 47 लीटर होती है, मगर इसमें प्रेशर से करीब 7000 लीटर ऑक्सीजन भरी जाती है। अगर सात क्यूबिक मीटर वाले सिलेंडर से लगातार किसी मरीज को ऑक्सीजन दी जाती है तो वह करीब 20 घंटे तक चलती है, जिसकी कीमत 175 से 200 रुपये तक है।

यह भी पढ़ें:  ‘कोरोना’ से ज्‍यादा खतरनाक है, लालची इंसान?

जानते हैं ऑक्सीजन की कमी के बारे में
इन दिनों ऑक्सीजन के लिए चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। सभी जगह बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन की कमी है। इस संबंध में जब हमने कुछ ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट से बात की तो पता चला कि सत्य कुछ और ही है। इंटर कासोजनिक एवं एलाइड गैस प्राइवेट लिमिटेड मंडीदीप भोपाल, भारती प्रोडक्ट गोविंदपुरा और स्टैंड कार्बोनिकल गोविंदपुरा से बात करने पर पता चला कि ऑक्सीजन तो पर्याप्त मात्रा में हैं और उचित मूल्य पर दी जा रही है, लेकिन सिलेंडर उपलब्ध नहीं है। अगर ऑक्सीजन चाहिए तो सिलेंडर लेकर आएं। आम आदमी यह सोच रहा है कि ऑक्सीजन का आकाल पड़ गया है, जिसके कारण मरीजों की मौत हो रही है।