ग्राहक और कंपनी के बीच पिस रहे डिलेवरी बॉय

ग्राहक और कंपनी के बीच पिस रहे डिलेवरी बॉय
जान ज़ोखिम में डालकर खाना भेजने की मजबूरी और पुलिस के सख्त रवैये से परेशानी

बीते साल के लॉकडाउन में सबसे ज्यादा किल्लत खाने की हुई थी। लोगों के पास खाने का सामान था, तो गैस की व्यवस्था नहीं थी और किसी घर में तो राशन के ही लाले पड़े थे। इस बार गनीमत है कि आनलाइन डिलेवरी का आप्शन खुला है, लेकिन इस व्यवस्था को जान जोखिम में डालकर अंजाम देने वाले डिलेवरी बॉयज की मुसीबतें कम नहीं हैं। भोपाल में डिलेवरी बॉय की हकीकत बयां करती फरहान की यह रिपोर्ट… — संविधान लाइव

भोपाल। लॉकडाउन में एक तरफ लोगों को खाने पीने की काफी परेशानी हो रही है, तो दूसरी तरफ खाने का सामान लोगों तक पहुंचाने वाले डिलेवरी बॉय भी बड़ी मुसीबत से जूझ रहे हैं। ग्राहक, कंपनी, पुलिस की मुसीबतों को झेलते यह डिलेवरी बॉय शहर की चक्करदार गलियों में घूम घूमकर किसी तरह लोगों तक खाना पहुंचा रहे हैं, लेकिन बदले में उन्हें आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।

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इमामी गेट पर हमारी ऐसे ही एक डिलेवरी बॉय उमर से बात हुई। उन्होंने बताया कि हम जान ज़ोखिम में डालकर खाना लोगों तक पहुंचा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद कस्टमर ओर कंपनी दोनों हमारे साथ दुश्मनों जैसा सलूक कर रहे हैं।

उमर ने बताया कि वे स्विगी के लिए होम डिलीवरी का काम करते हैं। जिस दिन से लॉकडाउन लगा है उस दिन से उन्होंने अभी तक 474 रुपए कमाए हैं, जिसमें से 86 रुपये फाइन हो चुका है। उन्होंने बताया कि समस्या यह है कि अगर कोई आर्डर मिलता है और वे खाना लेकर ग्राहक के घर की ओर निकलते हैं, तो रास्ते में पुलिस की बैरिकैडिंग के कारण काफी समय चला जाता है। कई बार बैरिकैडिंग क्रास करने के लिए पुलिस से बहस करनी होती है। कई बार पुलिस जाने नहीं देती और हारकर कई रास्ते बदलने होते हैं और इस तरह गंतव्य तक पहुंचने में समय निकल जाता है।

उमर बताते हैं कि ऐसे हालात में कई बार ग्राहक आर्डर कैंसिल कर देते हैं। आर्डर कैंसिल होने की दशा में स्विगी फाइन कर देती है। इसकी वजह से पैसे कमाने की जगह पैसा जेब से लग रहा है।

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जमीनी सुझाव और मार्मिक अपील
उमर अपनी मुसीबतों को बताने के बाद कहते हैं कि मेरी सरकार और स्विगी से अपील है कि वो आपस में बात करके ऐसा कोई मेकेनिज़्म बनाएं जिससे होम डिलीवरी करने वाले लोगों की राहत मिले। वे सुझाव देते हैं कि सरकारी तंत्र इन लोगों के साथ मित्रता पूर्वक व्यवहार करते हुए उनका परिचय पत्र देखकर उन्हें जाने दे। अगर बहुत ज़्यादा ज़रूरी हो तो उनको दूसरा सुगम रास्ता बताए। साथ ही कस्टमर को भी सोचना चाहिए कि महामारी की तालाबंदी में होम डिलीवरी बॉय अपनी जान जोखिम में डाल कर उनको खाना पहुँचा रहे हैं तो उनका आर्डर देर होने की वजह से कैंसिल ना करें। उधर, स्विगी को भी ये सोचना चाहिए कि डिलीवरी बॉय अपना आर्डर लेकर निकले हैं, तो उन पर फाइन नहीं लगाएं।