विचाराधीन कैदी की मौत पर पिता का आरोप- पुलिस के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई, इसलिए गई जान

विशेष जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग


भोपाल/उज्जैन।
उज्जैन की भैरवगढ़ जेल के विचाराधीन कैदी अजय की मौत के मामले में पीड़ित परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अजय के पिता का कहना है कि उनका बेटा विधिक सहायता केंद्र के कैंपों के जरिये पुलिस के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाता था, इसीलिए उस पर झूठा मुकदमा किया गया और फिर पुलिस की पिटाई के कारण ही बीते 19 अप्रैल को उसकी उज्जैन में मौत हो गई। मामला शाजापुर जिले की बेरछा तहसील के रुल्की गांव का है। मामला कंजर समुदाय से जुड़ा हुआ है।

क्या है मामला
उज्जैन की भैरवगढ़ जेल में हत्या की कोशिश के आरोप में विचाराधीन कैदी 36 वर्षीय अजय पिता ललित की रविवार को उपचार के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। कैदी को शनिवार को वार्ड में भर्ती कराया गया था। 11 अप्रैल को उसे शाजापुर से मक्सी फिर उज्जैन भेजा गया था। शनिवार को अचानक उसकी तबियत खराब हो गई। अजय को 8 अप्रैल को शाजापुर से ​गिरफ्तार किया गया था।

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अजय की लाश पर पिटाई के निशान

डीजीपी को लिखा पत्र, पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप
मामले में अजय के पिता ललित ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि 8 अप्रैल को स्थानीय थाने से राधेश्याम दांगी, अजीत तिवारी, शैलेन्द्र, रवि भंडारी, अनिल पप्पू जाट एवं अन्य पुलिसकर्मी अजय को गिरफ्तार करने आए थे। इस दौरान उन्होंने खेत में काम कर रहे अजय की लात, घूसों, लाठी, बंदूक की बट से पिटाई की। ​

पुलिस अत्याचार के खिलाफ करता था शिकायत
ललित का कहना है कि पुलिस की अवैध वसूली और झूठे केस के खिलाफ अजय ने विधिक सहायता केंद्र के जरिये कैंप का आयोजन कराया था। इसके अलावा वह पुलिस के अत्याचारों की शिकायत करता रहता था। इसी से पुलिसकर्मी उससे खुन्नस खाये हुए थे। उन्होंने बेटे अजय को इतना ज्यादा मारा की वह घटना स्थल पर ही गंभीर घायल हो गया था।

तराना जेल में लेने से किया इनकार
जानकारी के मुताबिक पुलिस ने अजय को हत्या की कोशिश के एक मुकदमे में गांव के ही एक अन्य ​व्यक्ति नागर पिता लाखन के साथ अदालत में पेश किया। जहां उसे तराना जेल ले जाने का आदेश दिया गया। लेकिन अजय की गंभीर हालत को देखते हुए तराना जेल में उसे लेने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद अजय को भैरवगढ़ जेल भेजा गया। जहां से शनिवार को उसे अस्पताल भेजा गया और 19 अप्रैल रविवार को उसकी मौत हो गई।

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पीड़ित पक्ष की मांग
अजय के पिता ललित ने डीजीपी को लिखे पत्र में मांग की है कि
1- पुलिसकर्मियों के खिलाफ अजय की हत्या करने के मामले में एफआईआर दर्ज की जाए।
2- कंजर समुदाय के मानव अधिकारों पर आयोग संज्ञान ले।
3- अनुसूचित जाति कानून के तहत मामले की जांच कर मामला दर्ज किया जाए।
4- विशेष जांच दल का गठन कर प्रकरण की जांच हो और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।