Author: Sachin Shrivastava
विचाराधीन कैदी की मौत पर पिता का आरोप- पुलिस के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई, इसलिए गई जान
विशेष जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग भोपाल/उज्जैन। उज्जैन की भैरवगढ़ जेल के विचाराधीन कैदी अजय की मौत के मामले में पीड़ित परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप … Read More
यह अंत की शुरुआत है, क्योंकि मनुष्य महज एक आंकड़ा नहीं है
सचिन श्रीवास्तव भोपाल। करोंद इलाके के 32 वर्षीय अनिल अहिरवार की आत्महत्या उस व्यवस्था के लिए एक आखिरी संदेश है, जो अपनी हर नाकामी को ढंकने के लिए तमाम आंकड़े … Read More
प्राइवेट डिलेवरी वर्कर्स ने महामारी में अपनी आजीविका के लिए मुख्यमंत्री को लगाए फ़ोन
वर्कर्स की प्रमुख माँगें: 1. कोरोना महामारी के दौरान डिलेवरी वर्कर्स को मासिक रु. 7000 का भत्ता मिले, चाहे वे इस दौरान ऑनलाइन जाएँ या ना जाएँ। 2. जो वर्कर्स … Read More
इमारतों से ताली-थाली का शोर और तंग गलियों में भूख की मरोड़!
भोपाल जनसंपर्क समूह-1 सचिन श्रीवास्तव बीते 18 दिनों में घर में रहने की हिदायतें हम सबको इतनी बार, इतनी तरह से मिली हैं, जितनी शायद पूरी उम्र में न कभी … Read More
एक तरफ कुआं, तो दूसरी तरफ खाई के बीच में है देश
अब्दुल हक पूरी दुनिया में अभी जिस किस्म के हालात हैं, वो किसी तरीके से काबू नहीं हो पा रहे हैं। पूरी दुनिया में कोरोना केस 1,236,842 और मौत की … Read More
गोलवलकर ने 1971 में जो भरोसा इंदिरा को दिया था, क्या वो आज भागवत दे सकते हैं देश को!
– एल. एस. हरदेनिया मुझे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर से मुलाकात करने में अत्यधिक बौद्धिक आनंद आता था। उनका जीवन संघर्ष से भरपूर था। उनके संस्मरण … Read More
Help and support.
Today I am putting this post up, speaking not for myself but on behalf of some people who are very precious to me. For a little information to start with, … Read More
Backstage Management of the Community Kitchen Chain
Amir, Jan Sampark Samuh member works from behind the scenes, supporting purchases, cooking, packing, preparing distribution routes and volunteer lists, handling calls and responding to people in distress. Amir feels … Read More
Missing Health Communication in Times of Pandemic
Always cheerful, Jan Sampark Samuh member Nadeem never forgets to settle apprehensions among the poorest communities who are living in fear and intimidation. The sudden confinement doesn’t come easy for … Read More










