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AIKS: किसान सभा की मांग- मध्यप्रदेश को आपदा ग्रस्त घोषित करे सरकार

AIKSभोपाल। अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) ने संकटग्रस्त किसानों की रक्षा के लिए मध्य प्रदेश को आपदा ग्रस्त राज्य घोषित करने की मांग की है। इसके लिए किसान सभा (AIKS) का एक प्रतिनिधि मंडल प्रांतीय महासचिव प्रहलाद दास बैरागी के नेतृत्व में राजभवन पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल की ओर से राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि विगत कई सालों से प्रदेश के किसानों की फसल कभी अल्पवृष्टि, अतिवृष्टि, ओला पाला से नष्ट हो रही है, लेकिन प्रदेश की सरकार मात्र घोषणा करती है, उस पर अमल नहीं करती है। इसके कारण खेती में घाटा हो रहा है कि और किसान आत्महत्या करने को मजबूर है।

राज्यपाल की गैरमौजूदगी में अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल के मुख्य सेकेट्ररी को ज्ञापन सौपा। प्रतिनिधि मंडल मे प्रहलाद दास बैरागी के अलावा एटक के उप महासचिव शिवशंकर मौर्य, जितेन्द्र और सत्यप्रकाश मालवीय आदि शामिल थे।

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अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) के प्रांतीय महासचिव बैरागी ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा की केंद्र और राज्य सरकार डिंडोरा पीटती थी कि 2022 में किसानों की आमदनी दुगुनी करेंगे, लेकिन किया ठीक इसके उलट है। समर्थन मूल्य पर समय पर खरीदी नहीं की गई। किसान लुटता रहा। आज लहसुन प्याज के यह हालात हैं कि कृषि लागत तो दूर मण्डी तक आने का भाड़ा और आडतिया की कमीशन तक नहीं निकल रही है। मजबूर होकर किसान फसल फेंक रहा है।

बैरागी ने कहा कि वर्तमान में अतिवृष्टि से फसल खराब होकर नष्ट हो गई। सरकार ने इस पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। वहीं खरीफ की बोहनी के समय सरकार किसानों को बीज उपलब्ध नहीं करा पाई। किसानों ने मजबूर होकर 10000 रूपये क्विंटल से लेकर 20000 रूपए क्विंटल बीज खरीद कर खेतों की बोहनी की है। लेकिन अतिवृष्टि के कारण फसल प्रभावित हुई। अफालन पीला मौजिक रोग और फसल पकने के समय बेमौसम वर्षा के कारण खेतों में खडी फसल नष्ट हो रही है।

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अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि किसानों पर आए महासंकट को देखते हुए सरकार को आदेशित करते हुए सम्पूर्ण मध्यप्रदेश को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर किसानों को तत्काल 40 हजार रूपए हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा राशि उपलब्ध कराई जाए और किसानों के सम्पूर्ण कर्ज माफ किए जाएं। ताकी किसान आत्महत्या करने से बचे रहें। उन्होंने कहा कि सरकार भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 का पालन करने के लिए सरकार को आदेशित करे, ताकी जिन किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई उनके परिवार का भरण पोषण के साथ रोजगार उपलब्ध हो।