शास्त्री जी की सादगी : सबसे सस्ती साड़ी दिखाओ, और दाम भी बताओ

सचिन श्रीवास्तव 2 अगस्त 2016 को राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री अपनी सादगी के लिए मशहूर थे। मौजूदा माहौल में उनकी तरह का सादा जीवन दुर्लभ … Read More

राजनीति की पारिवारिक कलह : बड़े लोकतंत्र की तल्ख हकीकत

17 सितंबर 2016 को राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित सचिन श्रीवास्तव  उत्तर प्रदेश के सत्ताधारी दल की हालिया खींचतान भारतीय राजनीति के गंभीर दर्शकों के लिए कोई नया दृश्य नहीं है। … Read More

संसद के पुराने प्रसंग: धूप में सफेद नहीं किए हैं मैंने अपने बाल

12 जुलाई 2016 को राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित सचिन श्रीवास्तवसदन के गंभीर संसदीय कार्यों के बीच कभी कभार हंसी-मजाक के लम्हें भी आते हैं। यह पल पूर्व सांसदों के जेहन … Read More

ये इश्क नहीं आसां

एशियाई समाज अपनी विविधता के बावजूद जिस एक डोर से बंधा है, वह अदृश्य होते हुए भी गाहे-बगाहे उदाहरणों से सामने आती रहती है। दिलचस्प है कि हिना-बिलावल के अंतरंग … Read More

भाषण से मैदान मारने की बेबसी

नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव की गर्माहट के बीच गुरुवार को बराक ओबामा ने डेमोक्रेटिक पार्टी के सम्मेलन में अपना बहुचर्चित भाषण दिया। वे लगातार दूसरी … Read More

बंधक लोकतंत्र की याद

आपातकाल पर जनवाणी का विशेष पेज आपातकाल दु:स्वप्न था। उस दौर में आम आदमी से लेकर राजनीतिक और सरकार से लेकर लोकतंत्र ने बहुत कुछ खोया था। जनता और तानाशाही … Read More

संघर्षरत जनता का वैश्विक प्रतिनिधि

8 अक्तूबर 1967 को 17 छापामारों और बोलिविया की सैन्य टुकड़ी के बीच घमासान लड़ाई हुई। चे गंभीर रूप से घायल हो गए। बंदी बना लिए गए। कमांडर पराडो सालमन … Read More

शिक्षा का सामाजिक रूपक

भारतीय समाज में कामयाबी को उत्साही ढंग से मनाने का रिवाज रहा है। हाल ही में आए सीबीएसई और विभिन्न बोर्ड्स के नतीजों में भी यह पारंपरिक उत्साह कम नहीं … Read More