वैश्विक परिदृश्य में भारत की भूमिका
सचिन श्रीवास्तव मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात में भारत एक महत्वपूर्ण वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है, लेकिन इसकी भूमिका जटिल और संतुलनकारी है। भारत के सामने कई चुनौतियां और … Read More
सचिन श्रीवास्तव मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात में भारत एक महत्वपूर्ण वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है, लेकिन इसकी भूमिका जटिल और संतुलनकारी है। भारत के सामने कई चुनौतियां और … Read More
सचिन श्रीवास्तव 20वीं सदी में अमेरिका सबसे शक्तिशाली देश था, लेकिन 21वीं सदी में उसका प्रभुत्व कमजोर हो रहा है। चीन, रूस और अन्य देश अब अमेरिका को चुनौती दे … Read More
सचिन श्रीवास्तव 20वीं सदी अमेरिका की थी— द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से अमेरिका ने खुद को दुनिया का “एकमात्र सुपरपावर” घोषित कर दिया था। लेकिन अब 21वीं सदी में हालात … Read More
सचिन श्रीवास्तव 2019 के बाद अमेरिका ने अपने दो सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों— रूस और चीन के खिलाफ अपने आक्रामक अभियान को तेज कर दिया। रूस को घेरने के लिए अमेरिका … Read More
सचिन श्रीवास्तव त्रिभाषा फ़ॉर्मूले (Three-Language Formula) पर हिंदी में जो बहस चल रही है, उसकी ऐतिहासिक जड़ें, इसके पीछे की राजनीतिक मंशा, भाषा के माध्यम से सांस्कृतिक वर्चस्व की राजनीति … Read More
सचिन श्रीवास्तव 2003 के बाद अमेरिका ने अपनी रणनीति को और शातिर बना लिया। अब वह सीधे सैन्य हस्तक्षेप करने के बजाय ‘लोकतांत्रिक क्रांति’ और ‘मानवाधिकारों की रक्षा’ के नाम … Read More
सचिन श्रीवास्तव 1991 से 2003 के बीच अमेरिका ने अपनी वैश्विक सत्ता बनाए रखने के लिए लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा का दिखावा करते हुए मध्य-पूर्व को युद्ध के मैदान … Read More
सचिन श्रीवास्तव 1917 में रूस की समाजवादी क्रांति ने दुनिया की राजनीति में भूचाल ला दिया था। जब बोल्शेविकों ने ज़ार की निरंकुश सत्ता को उखाड़ फेंका और “श्रमिकों और … Read More
सचिन श्रीवास्तव अगर हाल ही में जेलेंस्की और ट्रंप के बीच हुई बातचीत पर नजर डालें, तो साफ दिखता है कि अमेरिका की वैश्विक धाक अब ढलान पर है। जिस … Read More
सचिन श्रीवास्तव 20वीं और 21वीं सदी में अमेरिका ने दुनिया की राजनीति को अपनी मर्जी से चलाने की पूरी कोशिश की। लोकतंत्र, मानवाधिकार और आज़ादी की बड़ी-बड़ी बातें की गईं, … Read More