Revolutionary Practices: प्रोफेसरों के बहाने उच्च-मध्यवर्गीय बुद्धिजीवियों के बारे में चंद हानिकारक बातें

कविता कृष्णपल्लवी जमीनी राजनीतिक कार्यकर्ताओं (Revolutionary Practices) और सिंद्धांतकारों के बीच तनाव नया नहीं है। बैठकखानों और क्लासरूमों में इतिहास की घटनाओं के जरिये नए बनते भविष्य को देखने, समझने … Read More

Madhuca Longifolia Oil: महुए का तेल- निर्माण, उपयोग और बाजार

अमित कोहली आदिवासियों में महुआ एक बहु-उपयोगी पेड होता है, इसलिए कई जनजातियां उसे अपने देवी-देवताओं, पुरखों से भी जोडकर देखती हैं। महुए का एक उपयोगी उत्‍पाद है, तेल (Madhuca … Read More

Bhopal Gas Tragedy: प्रकृति के ‘संरक्षक’ नहीं, उसके ‘अंश’ हैं, हम!

भोपाल गैस त्रासदी’ 2-3 दिसंबर 1984 की 36वीं बरसी पर विशेष मानशी आशर ‘भोपाल गैस कांड’ का यह 36वां साल है, लेकिन लगता नहीं कि हम उससे कुछ जरूरी सीख ले … Read More

NGO: सरकार की साथी, गैर-सरकारी संस्‍थाएं

वीरेन्‍द्र कुमार पैन्‍यूली  गैर-सरकारी समाजसेवी संस्‍थाएं (NGO) सरकार से समान दूरी रखते हुए उसे आइना दिखाते रहने के लिए भी खड़ी की जाती रही हैं, लेकिन आजकल इन संस्‍थाओं का … Read More

Peoples Resistance: बंटवारे की राजनीति के खिलाफ लोग एकजुट हो रहे हैं, यह एक संभावना है: मनोज कुलकर्णी

मौजूदा राजनीति के विकास और विस्तार को समझने के लिए 1980 के दशक को जानना एक महत्वपूर्ण कड़ी है। 1980 में उभरी दक्षिणपंथी राजनीति ने 2014 और 2019 में अपनी … Read More

इस्लामोफोबिया (Islamophobia) और साम्प्रदायिकता के वैश्विक प्रभाव

-राम पुनियानी पैगंबर हजरत मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक पोस्टों और कुरान की प्रतियां जलाने की प्रतिक्रिया स्वरूप (Islamophobia) अभी हाल में अनेक हिंसक घटनाएं हुई हैं। नवीन कुमार, जो … Read More

छत्तीसगढ़ सरकार ने मानी गलती, झूठे इल्जामों में फंसाया था मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के निर्देश पर प्रत्येक को एक लाख रुपए का मुआवजा इंदौर। देश मे ऐसे मामले कम ही हैं जहाँ सरकार ने अपनी गलती मानी हो और … Read More

अजब कहानी शहरों के विकास की

(अब ऐसा समय आ गया है जिसमें हमें विकास की अपनी समझ की गलती दिखाई देने लगी है, लेकिन फिर भी हम उसे मानना नहीं चाहते। यदि मान लेते तो शायद … Read More