भक्ति आन्दोलन: भारतीय जीवन दर्शन की विविधता में ध्येयपूर्ण जीवन को संगति देता काव्य काल

सचिन श्रीवास्तव मध्‍यकालीन भारत के सांस्‍कृतिक इतिहास में भक्ति आन्दोलन एक महत्‍वपूर्ण पड़ाव था। इस दौर में सामाजिक-धार्मिक सुधारकों ने समाज में विभिन्न तरह से भगवान की भक्ति का प्रचार-प्रसार … Read More

Ek Desh Barah Duniya: 13वीं कहानी जिसे आपने अभी तक दर्ज नहीं किया

शिरीष की किताब एक देश बारह (Ek Desh Barah Duniya) दुनिया से गुजरते हुए कुछ नोट्स सचिन श्रीवास्तव मौजूदा दौर में जब पत्रकारों को सत्ता का दलाल और पत्रकारिता को … Read More

Kartik Sharma: संत हो चुका एक बच्चा उर्फ किताबों का जीवंत हरकारा

सचिन श्रीवास्तव आमतौर पर किसी करीबी के जन्मदिन पर उसके बारे में लिखना एक किस्म का पारंपरिक हवन है, जिसमें हम सब अपनी ओर से चंद खूबसूरत अल्फाजों की आहूति … Read More

Premchand: अपने समय को देखने की काबिलियत देते हैं प्रेमचंद

संविधान लाइव में रविवार को हुई प्रेमचंद (Premchand) पर परिचर्चा बीते रविवार को भारतीय महिला फेडरेशन, संविधान लाइव और आल इंडिया यूथ फेडरेशन की ओर से उपन्यास सम्राट प्रेमचंद (Premchand) … Read More

20वीं सदी का उत्सव है ईलियट का नैराश्य और शोक

मेरे प्रिय कवियों में लगभग सभी हिंदुस्तानी और उसमें भी हिंदी के कवि ज्यादा हैं। अंग्रेजी साहित्य का मैं बहुत अच्छा विद्यार्थी नहीं हूं, इसके बावजूद मैं ईलियट के पास … Read More

​कविता नहीं

सचिन श्रीवास्तव जब अपराधी बेलगाम हैंऔर सत्ताएं खुद को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए रच रही हैं नित नए प्रपंचनायकों ने खुद को शामिल कर लिया दरबारियों मेंकवि, कलमकार, संस्कृतिकर्मी, … Read More

संस्कृति विभाग का ​कल्चर: महज 12 संस्थाओं के खाते में गया 60 प्रतिशत से ज्यादा अनुदान

मध्य प्रदेश की साहित्य संस्कृति-1 – चंद संस्थाओं और व्यक्तियों के बीच कैसे सिमट गया भोपाल और प्रदेश का साहित्यिक-सांस्कृतिक माहौल – संस्कृति निर्माण की कोशिश के अनुदान से हो … Read More

वामपंथियों को नहीं सुहा रहा भोपाल के चौबारे में लटकता नोबेल, क्यों?

भोपाल के आयोजन पर अब तक जो पढ़ा भूल जाइये। इस आयोजन के हासिल की असली कहानी, अपनी जुबानी सचिन श्रीवास्तवआयोजन बड़ा है— इसमें कोई दो राय नहीं। आयोजन भव्य … Read More

।। सभी किस्म की सत्ताओं के नाम ।।

(शमशेर बहादुर सिंह को पढ़ते हुए)सचिन श्रीवास्तवएक आवाज। एक विरोध। बौना सा, अदना सा। मुट्ठी भर आंखें उनकी। हांफते हुए प्रतिरोध की तख्ती उठाए हैं। कुछ देर बाद खांसने लगेंगे। … Read More

दस्तक संवाद : सोशल मीडिया आभासी दुनिया का एक वास्तविक चेहरा

नवनीत पांडे “अगर फेसबुक का सबसे अच्छा और सार्थक इस्तेमाल अरुण देव समालोचन के जरिये कर रहे हैं तो व्हाट्सअप्प का बढ़िया इस्तेमाल भोपाल के अनिल करमेले अमिताभ मिश्र अंजू … Read More