कोरोना के डर से डॉक्टर भी मरीज़ों से अब दूरी बना रहें हैं।

कोरोना के डर से डॉक्टर भी मरीज़ों से अब दूरी बना रहें हैं।

अमरीन

Lock-down 2021भोपाल। डॉक्टर की डिग्री दुनिया में अकेली डिग्री है, जो शपथ ले कर दी जाती है। यूं ही नहीं डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है। कोरोना के इस काल में अगर किसी को सामान्य सी बीमारी भी हो जाए तो धरती के यह भगवान इलाज करने को तैयार नहीं हैं। यहां तक कि मामूली इंजेक्शन लगाने तक के लिए मना कर रहे हैं। पढ़िए यह हमारी यह स्टोरी…

ऐशबाग के जनता क्वार्टर बस्ती की हिना की उम्र 15 बरस है। हिना एक मुस्लिम समुदाय से हैं। हिना के घर में उनके माता-पिता और बहन-भाई हैं। हिना को साधारण सा बुखार आया था। जांच में पता चला कि उन्हें टीबी है। जब तक हॉस्पिटल में थीं, उनका इलाज ठीक चला। छुट्टी करने से पहले डॉक्टर ने कहा था कि हिना को रोज़ इंजेक्शन लगेगा।

छुट्टी होने के बाद जब दूसरे दिन सुबह ऐशबाग के एक क्लिनिक में इंजेक्शन लगवाने गए तो वहां के डॉक्टरों ने इंजेक्शन लगाने को माना कर दिया। डॉक्टरों ने कहा कि अभी कोरोना की बीमारी चल रही है। हम कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। ये कहकर हिना को भगा दिया गया। घर वाले हिना को सरकारी अस्पताल लेकर गए तो वहां भी इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया गया। डॉक्टरों ने कहा कि पहले टीबी हॉस्पिटल से लिखा कर लाओ, तभी हम इंजेक्शन लगाएंगे। हिना की बहन ने उनको टीबी का कार्ड भी दिखाया, जिससे उनको इंजेक्शन और दवाईयां मिलती हैं।

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उन्होंने डॉक्टर से मिन्नत की कि आज लगा दें, वरना गैप हो जाएगा और पूरा कोर्स बिगड़ जाएगा। हम कल खुद डॉक्टर से लिखवा कर लादेंगे, पर डॉक्टर ने उनकी एक नहीं सुनी और उन्हें वहां से भी बैंरग लौटा दिया गया। हिना को लेकर टीबी सेंटर इंजेक्शन लगवाने लेकर जाना पड़ा। पर वहं के सभी जगह के रास्ते बंद थे।

हॉस्पिटल तक जाने के लिए हिना की बहन ने पुलिस वालों से भी गुज़ारिश की। पुलिस वालों ने कहा कि आप पैदल चले जाओ। रास्ता तो नही खोलेंगे। हिना की हालात ठीक नहीं थी कि वह इतनी दूर पैदल चल सके। ये बात भी पुलिस को बताई पर वह बिगड़ गए और कहा कि हमको आपकी दिक्कत से कोई लेना-देना नहीं है। आप कहीं से भी जाओ लेकिन यह बैरिकेट नही खुलेगा।

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जैसे-तैसे गलियों से गाड़ी निकाल कर टीबी हॉस्पिटल तक हिना को लेकर वह लोग पहुंचे और उसे इंजेक्शन लगवाया। उन्होंने डॉक्टर से एक पर्चे पर इंजेक्शन के बाबत लिखकर देने को कहा, ताकि बाहर से इंजेक्शन लगवाया जा सके। जवाब में डॉक्टर ने कहा कि टीबी कार्ड ही काफी है। ऐसा लिखने की जरूरत नहीं है। उस कार्ड को दिखा कर आप कहीं भी हॉस्पिटल में इंजेक्शन लगवा सकती हैं। पर उसी कार्ड को दिखाने के बाद भी हिना को इंजेक्शन नही लगाया गया था। उन्हें इंजेक्शन लगवाने के लिए पूरा दिन भटकना पड़ा था।