कबीर अख्तर: दो बार हाथ से फिसला चुका था एमी अवार्ड

12 सितंबर 2016 को राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित

सचिन श्रीवास्तव 

जावेद अख्तर और शबाना आजमी के भतीजे कबीर अख्तर ने इस साल एमी अवार्ड पर कब्जा जमाया है। उन्हें कॉमेडी सीरीज क्रेजी एक्स गर्लफ्रेंड के लिए प्रतिष्ठित एमी अवार्ड से नवाजा गया है। शबाना ने अपने भतीजे को इसके लिए ट्विटर पर बधाई दी। गीतकार जावेद अख्तर के छोटे भाई सलमान अख्तर के बेटे कबीर अमरीका में रहते हैं। वे टेलीविजन इंडस्ट्री में सक्रिय हैं।

कबीर अख्तर
जन्म: 11 जनवरी 1975
अमरीकी टेलीविजन डॉयरेक्टर और एडीटर। टूल बैंड को समर्पित सबसे पुरानी वेबसाइट द टूल पेज के क्रिएटर। फरवरी 16 में यह साइट बंद की। अप्रैल फूल डे की शरारतों के लिए मशहूर।

दो बार पहले हुए नामांकित 
इस साल क्रेजी एक्स-गर्लफ्रेंड के लिए नामांकित होने से पहले कबीर दो बार पहले भी एमी अवार्ड के लिए नामांकित हो चुके हैं। हालांकि तब उन्हें यह अवार्ड नहीं मिल सका था। 2012 में वे ऑस्कर पुरस्कारों के लिए आउटस्टेंडिंग पिक्चर एडिटिंग के लिए नामांकित हुए। इसके बाद 2013 में उन्हें टीवी सीरीज अरेस्टेड डेवलपमेंट के लिए सिंगल कैमरा पिक्चर एडिटिंग कैटेगरी में नामांकन मिला।

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एक अप्रैल की बस दुर्घटना
1 अप्रैल 1997 को एक टूर बस का हाइवे पर एक्सीडेंट हो गया था। इस पर कबीर ने लिखा, कम से कम तीन बैंड नाजुक हालात में हैं। लोगों ने इसे मजाक ही समझा। बाद में रिपोर्टिंग में इसे सही पाया गया। इसके लिए कबीर की काफी आलोचना हुई। बाद में इसके लिए कबीर ने माफी भी मांगी।

साइकलिंग और फुटबॉल में दिलचस्पी
कबीर अच्छे साइकिल चालक हैं। वे लॉस एंजिलिस साइक्लिविया इवेंट के दौरान मार्केटप्लेस ने उनका साक्षात्कार प्रकाशित किया था। इसके अलावा वे एनएफएल फुटबॉल के दीवाने हैं और अपनी मजाकिया टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं।

नौ साल उम्र में पहचानी गई प्रतिभा
जब कबीर नौ साल के थे, तब पेनसिल्वेनिया प्रांत ने उन्हें आउटस्टैंडिंग इंटलेक्चुअल एंड क्रिएटिव एबिलिटी के लिए सम्मानित किया था। स्कूली दिनों में वे नाटकों में हिस्सेदारी करते थे। लोअर मेरियन हाई स्कूल से होते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया तक यह सिलसिला कायम रहा।

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पिता हैं मनोविज्ञानी
कबीर के पिता सलमान अख्तर एक मनोविश्लेषक हैं। वे फिलाडेल्फिया के जेफरसन मेडिकल कॉलेज में मनोविज्ञान और मानव व्यवहार के प्रोफेसर हैं।  उत्तर प्रदेश के खैराबाद में जाने माने उर्दू कवि जां निसार अख्तर और शिक्षक-लेखक साफिया के बेटे सलमान ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एमडी की। उन्होंने दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से इंटर्नशिप की। इसके बाद 1973 में वे अमरीका चले गए। उनके 300 से ज्यादा लेख और 13 किताबें प्रकाशित हैं। 1999 में उनकी आत्मकथा इमिग्रेशन एंड आइडेंटिटी प्रकाशित हुई।